भाववाचक संज्ञा (Abstract Noun in Hindi)
भाववाचक संज्ञा वह संज्ञा होती है जो किसी भाव, अवधारणा या अमूर्त वस्तु का बोध कराती है। इन्हें हमारी इंद्रियों से महसूस नहीं किया जा सकता है। भाववाचक संज्ञाओं के कुछ उदाहरण हैं:
भावनाओं के नाम
- प्रेम (love)
- घृणा (hatred)
- खुशी (happiness)
गुणों के नाम
- विनम्रता (humility)
- साहस (courage)
- इमानदारी (honesty)
अवधारणाओं के नाम
- सुंदरता (beauty)
- न्याय (justice)
- शांति (peace)
अमूर्त वस्तुओं के नाम
- आशा (hope)
- जिंदगी (life)
- मौत (death)
भाववाचक संज्ञाओं के प्रयोग के कुछ नियम:
भाववाचक संज्ञा के साथ ‘यह’, ‘वह’, ‘ये’, ‘वे’ आदि शब्द लगाए जा सकते हैं। उदाहरण: यह प्रेम है। (This is love.)
भाववाचक संज्ञा के साथ बहुवचन प्रत्यय लगाकर उसे बहुवचन बनाया जा सकता है, हालांकि कुछ भाववाचक संज्ञाएं केवल एकवचन में ही प्रयुक्त होती हैं। उदाहरण: आशाएं (hopes), खुशियां (happinesses)
भाववाचक संज्ञा के साथ विशेषण लगाकर उसे और अधिक विशिष्ट किया जा सकता है। उदाहरण: गहरा प्रेम (deep love), असीम खुशी (immense happiness)
भाववाचक संज्ञा का प्रयोग अनुभव करने वाले व्यक्ति या वस्तु के साथ किया जाता है। उदाहरण: उसकी इमानदारी सराहनीय है। (His honesty is appreciable.)
भाववाचक संज्ञाओं का प्रयोग साहित्य, दर्शन, मनोविज्ञान और अन्य विषयों में व्यापक रूप से किया जाता है क्योंकि वे मानवीय भावनाओं और अमूर्त अवधारणाओं को व्यक्त करती हैं।
उदाहरण:
- जीवन में सफलता पाने के लिए साहस की आवश्यकता होती है। (Courage is needed to achieve success in life.)
- शांति हमारा अधिकार है। (Peace is our right.)
- मौत सभी के लिए अनिवार्य है। (Death is inevitable for all.)
इस प्रकार भाववाचक संज्ञाएं किसी भाव, अवधारणा या अमूर्त वस्तु का बोध कराने वाली संज्ञाएं होती हैं और इनका प्रयोग हिंदी में विशेष नियमों के साथ किया जाता है।
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